हम पूजा के लिए कर्म नहीं बल्कि कर्म को पूजा की तरह करें तो ईश्वर हमारी अवश्य सुनता है |
आइये मन लगा कर ,ध्यान लगा कर निष्ठां पूर्वक ,श्रद्धा भाव से ईश्वर की प्रार्थना करें,
इच्छित फल प्राप्त करने का पुरुषार्थ करें ... मक्
शनिवार, 30 जनवरी 2010
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