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शनिवार, 30 जनवरी 2010
बबूल का पेड़ और उसकी छाया ...
बबूल के पेड़ में कांटे हैं, तो रहने दो |
तुम्हें उनसे क्या प्रयोजन है ?
उसकी छाया में कांटे नहीं हैं ?
तुम उसकी छाया को ग्रहण कर सकते हो |
गुण को ले लो ,अवगुण को जाने दो ... मक्
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hemant kumar mdl 1...
meri pasand suniye..tum aur ham bhul ke gam gaye pyar bhari sargam ..Legendary hemant daa
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chitthajagat
kavitakosh
daag
मिट जाए कोई हुस्न से ,शोहरत हों किसी की,
मातम हों किसी का ,शबे-इशरत हों किसी की ..
daag
वो जागे सहर को तो लड़ते है मुझसे , कि थे तुम कौन ख्वाब में आने वाले .. दाग
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mastkalandr
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